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मकर राशि (CAPRICORN)

सामान्य विशेषताएं, स्वभाव व परिचय



मकर राशि का स्वामी शनि है। इस राशि में जन्म लेने वाले जातक का मध्यम कद, नयन नक्श तीखे, सुन्दर मुखाकृति, काले घने बाल एवं पतली कमर वाला होगा। जातक गम्भीर, भावुक हृदय, संवेदनशील, उच्चाभिलाषी, सेवाधर्मी, मननशील एवं धार्मिक प्रवृत्ति वाला होगा। बुध व शुक्र शुभ होने पर व्यवहार कुशल, गहन विचार एवं सूक्ष्म विश्लेषण के पश्चात् ही महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हैं। क्षमाशील प्रायः कम होते हैं तथा इन्हें बदले एवं शत्रुता की भावना भुला पाना अत्यन्त कठिन होता है । चर राशि एवं लग्न होने से जातक की मानसिक एवं आत्मिक शक्ति प्रबल होगी। गुरु- शनि शुभ हों तो, जातक नर्म स्वभाव (विनम्र ), विनयशील, मित्रता स्थापित करने में अत्यन्त सावधान (Selective) तथा ईमानदार होंगे। खाँसी तथा वायु रोग से सावधानी बरतें। इस राशि के जातक जन्म स्थान छोड़ने के पश्चात् भी पुनः वहीं पहुंचने को उत्सुक रहते हैं। मकर जातकों की प्रतिभा में विवाह के बाद ही निखार आता है। ऐसे जातकों के लिए निजी प्रतिष्ठा, सामाजिक स्थिति, पद का भारी महत्त्व होता है। प्राय: सतर्क और परम्परावादी होते हैं। ऐसे जातक मुसीबत में भी धैर्य से काम लेते हैं। किसी बाधा की परवाह नहीं करते । पुस्तकों से इन्हें अधिक प्रेम होता है और लग्न लग जाने पर उनको चौबीस घण्टे तक पढ़ते ही रहते हैं । अपने इसी कार्य से वे अच्छे अनुसंधानकर्ता या वैज्ञानिक बन सकते हैं । यह राशि पृथ्वी तत्त्व प्रधान होने से जातक विवेकशील एवं अच्छी बुरी बात को पहचानने वाला व्यक्ति होगा। कल्पनाशील व गम्भीर प्रकृति रहेगी । मकर राशि जातक प्राय: बड़े उत्साही होते हैं । यदि कोई इनको हानि करता है तो ऐसा जातक बदले की भावना को भी नहीं भूलता, ऐसे जातक खुले तौर पर अपने विचार प्रकट करते हैं चाहे उनसे किसी दिल पर चोट क्यों न पहुँचे। ऐसे जातक अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से काम लेने में निपुण होते हैं तथा दूसरों के मनोभावों को झट समझ लेते हैं ।

उपाय-शनिवार का व्रत रखना कल्याणप्रद रहेगा।
शुभ नग–इस राशि वालों को नीलम नग पंचधातु, लोहे अथवा सोने की अंगूठी में शनि के बीज मन्त्र “ ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः "मन्त्र से 23000 की संख्या में अभिमंत्रित करके धारण करें ।
शुभ वार - शुक्रवार, शनिवार एवं बुधवार शुभ दिन सोमवार अशुभ रहेगा ।
शुभ रंग - नीला, काला व लाल रंग शुभ है।