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वृष राशि (TAURAS)

सामान्य विशेषताएं, स्वभाव व परिचय



वृष राशि का स्वामी शुक्र है । वृष राशि वाला व्यक्ति अपने हठ पर दृढ़ रहता है। आराम पसन्द रहना यह अपना धर्म समझता है । यह व्यक्ति तेजस्वी, संघर्षशील, स्वाभिमानी, श्रेष्ठ मित्रों से युक्त, तेजस्वी, माता-पिता तथा गुरु का भक्त, आयुष्मान होता है, छोटे-छोटे कामों पर भी लम्बे-लम्बे विचार करता रहता है । शत्रु अधिक होते हैं। वृष राशि वाले व्यक्ति को आकस्मिक धन लाभ के अवसर भी मिलते हैं, ये लोग सुखमय तथा अधिकार पूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं । जीवन का पूर्वार्द्ध संघर्षपूर्ण किन्तु उत्तरार्द्ध सुखमय एवं उन्नतिशील होता है । इस राशि को जातक/ जातिका प्राय: बैंकिंग, तैल एवं इत्रादि व्यवसाय, भवन निर्माण, विज्ञापन अथवा कलादि से सम्बन्ध रखने वाला होता है | कन्या - वृश्चिक राशि वालों से सांझेदारी अथवा मित्रता शुभसूचक होती है। भाग्योदय वर्ष 25, 28, 36 एवं 42 होते हैं। इस राशि वाले व्यक्ति उत्तेजक पदार्थों का सेवन कम करते हैं। इन्हें नियमित व्यायाम सम्बन्धी अभ्यास करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक रहता है। इन्हें पुत्र, स्त्री, वाहन, भूमि एवं गृहादि का सुख पूर्ण रूप से मिलता है । इनके लिए 5, 13, 26, 27, 45वां वर्ष कुछ कष्टदायी होते हैं । वृष राशि के जातक एक सफल माता-पिता बनते हैं। विवाह उपरान्त विशेष भाग्योदय होता है ।

वृष राशि के जातक अत्यन्त सामाजिक होते हैं। भाई-बन्धुओं तथा प्रियजनों का सत्कार करने में उन्हें विशेष आनन्द की अनुभूति होती है । वृष राशि के जातकों का प्रेमी स्वभाव उनमें अधिकार की भावना भी पैदा करता है। अपने प्यार के लिए बड़े से बड़े बलिदान कर सकते हैं, किन्तु जिनसे घृणा करने लगते हैं उन्हें जीवन भर क्षमा नहीं कर पाते ।

वृष राशि के जातक दृढ़ स्वभाव के और काम के प्रति लगन वाले होते हैं । उनमें भारी शारीरिक और मानसिक सहन शक्ति होती है ।

उपाय-शुक्रवार का व्रत एवं शिव उपासना शुभ फलदायिनी है।
शुभ नग–एक रत्ति या इससे अधिक वजन का हीरा या श्वेत मोती को अंगूठी
जड़वाकर बीज मन्त्र — 'ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नम:' का 16 हज़ार की संख्या में जप करके मध्यमा अंगुली में शुभ मुहूर्त्त में धारण करना चाहिए।
शुभ रंग - गुलाबी, हरा और सफेद रंग के कपड़े पहनना शुभ रहेगा लाल रंग अशुभ। शुक्र, शनि एवं बुधवार शुभ एवं लाभदायक होंगे।