कर्क राशि का स्वामी चन्द्रमा है । जल तत्त्व प्रधान एवं चर राशि होने से जातक सुन्दर एवं आकर्षक मुखाकृति, गोल चेहरा और मध्यम कद वाला होगा । चन्द्र-मंगल शुभ हों तो जातक बुद्धिमान, संवेदनशील, भावुक हृदय, न्यायप्रिय व दयालु स्वभाव वाला होगा । सामान्यतः परिवर्तनशील स्वभाव, चंचल, जलीय वस्तुओं का प्रिय, उच्च कल्पनाशील, समयानुकूल काम निकालने में कुशल, मिलनसार प्रकृति होगी। यदि चन्द्रमा अशुभ हो तो चिड़चिड़ा स्वभाव, वातावरण से शीघ्र प्रभावित होने वाला होगा । प्राकृतिक सौंदर्य, कला-संगीत व साहित्य में विशेष रुचि रखे तथा सौन्दर्यानुभूति भी विशेष रूप से रहे। ऐसा जातक परिस्थितिनुसार ढल जाने वाला, प्यार सम्बन्धों में सच्चा, ईमानदार और सहृदय, दयालु प्रकृति का होगा। ऐसा जातक जिस किसी काम को करना चाहे कर ही लेता है । आय साधन एक से अधिक होते हैं । कल्पना (विचार) शक्ति प्रबल होती है, अन्य पुरुष के भावों को शीघ्र समझ लेने की विशेष क्षमता होती है । कर्क राशि वालों का मकर, वृश्चिक, मीन राशि वालों के साथ मित्रता शुभ रहती है।
कर्क जातक अत्यन्त संवेदनशील होते हैं। दूसरों की कही जरा सी बात की उन पर इतनी प्रतिक्रिया होती है कि वे घण्टों उसी के बारे में सोचते रहते हैं । इनकी स्मरण शक्ति भी बहुत तेज होती है । कर्क जातकों को अपने परिवार में विशेषकर पत्नी तथा पुत्र के प्रति विशेष मोह होता है । वे मैत्री को भी जीवनभर निभाना जानते हैं। कर्क राशि के लोग व्यक्ति, वस्तु तथा परिस्थितियों में जकड़ जाया करते हैं ।
उपाय-सोमवार का व्रत रखना तथा चाँदी की अंगूठी धारण करना इनके
लिए शुभ रहेगा ।
शुभ नग–इस राशि वालों को 'मोती' अनामिका या कनिष्ठका अँगुली में
चाँदी की अंगूठी में पूर्णिमा के दिन गंगाजल, कच्चा दूध व ताण्डुलादि में Dip
करके मन्त्र पढ़कर विधिपूर्वक धारण करें। ( ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः )
शुभ दिन - सोमवार का दिन शुभ है।
शुभ रंग - सफेद रंग इन्हें अपने कपड़ों में अवश्य धारण करना चाहिए ।